Saturday, January 2, 2010

सिंगल ही है बढ़िया

इक ख्वाहिश थी जनम दिन की रात उसके hostel तक जाता
दांतों में दबा गुलाब pipe से ऊपर चढ़ जाता

उसको इस अंदाज में पहली बार मिल, हाले दिन कह आता
इक गुलाब और इक dairy milk से ज्यादा क्या मैं दे पाता

पर प्यार मेरा होता सच्चा, मेरी आँखों में नज़र उसे भी आता
यूँ शुरू होती अपनी कहानी, मैं भी lover boy कहलाता

पर हाय! मेरी किस्मत ऐसी, जिस कॉलेज से है मेरा नाता
इक भी लड़की का चेहरा दिल को मेरे न लुभा पाता

Katrina सी कोई होती, झट जोड़ लेता मैं नाता
Akshay से कोई कम थोड़ी हूँ, माना है बड़ा उसका (बैंक) खाता

पर ये तो हैं मेरे मन की बातें, नया दौर न मुझसे देखा जाता
SMS का है जमाना, अब कौन इस तरेह darling के हॉस्टल जाता?

मेसेज में happy लिख कर, copy paste करते हैं saved data
भाई यूँ तो सिंगल ही है बढ़िया, कम से कम फ़ोन बिल तो है कम आता

1 comment:

Unknown said...

ha ha ha really this one is nice and wanted if i could promote it , with ur permission ??? let me know @ drvirus001@gmail.com

ऐसे भी तो दिन आयेंगे

 ऐसे भी तो दिन आयेंगे, बिलकुल तनहा कर जाएँगे रोयेंगे हम गिर जाएँगे, ख़ामोशी में पछतायेंगे याद करेंगे बीती बातें ख़ुशियों के दिन  हँसती रातें...