Tuesday, February 2, 2010

कहीं अकेले में



अखबार का पहला पृष्ठ
कुछ खबरें
कुछ तसवीरें
कुछ सच
कुछ झूट
पढता चाव से इन्हें समय बीतने के लिए
एक हिन्दू
एक मुसलमान,
और इस बीच ...कहीं अकेले में
रोता बिलखता एक छात्र
तड़पता एक पिता
आत्म-हत्या करता एक किसान

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ऐसे भी तो दिन आयेंगे

 ऐसे भी तो दिन आयेंगे, बिलकुल तनहा कर जाएँगे रोयेंगे हम गिर जाएँगे, ख़ामोशी में पछतायेंगे याद करेंगे बीती बातें ख़ुशियों के दिन  हँसती रातें...